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सूचना अधिकार अधिनियम २००५ को लोकोपयोगी बनाने के लिए संशोधन की जरूरत।

सूचना अधिकार अधिनियम २००५ को लोकोपयोगी बनाने के लिए संशोधन की जरूरत।


सूचना उपलब्ध न कराने वाले जन सूचना अधिकारियो/प्रथम अपीलीय अधिकारियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराए जाने की हो व्यवस्था।


दो अक्टूबर को गांधी उद्यान में भ्रष्टाचार के विरुद्ध होगा मौन सत्याग्रह।


बिसौली तहसील में पिछड़े और सामान्य जाति के लोगों के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र बनाए जाने के विरुद्ध होगा आंदोलन।


जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस से राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस (28- 09- 2025 से 12- 10- 2025) तक चलने वाले ""सूचना अधिकार जन जागरण पखवाड़ा"" के प्रथम दिन सूचना/सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा सुचना के अधिकार को निष्प्रभावी बनाने में संलग्न लोकसेवकों को सद्बुद्धि प्रदान करने के मालवीय आवास गृह बदायूं पर सत्याग्रह किया गया 

 तथा नागरिकों में चेतना उत्पन्न करने हेतु पत्रक वितरित किए गए। साथ ही रिश्वतखोरी की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता जताई गई।


सर्वप्रथम उपस्थित जनों ने राष्ट्र राग ""रघुपति राघव राजाराम........."" का कीर्तन किया। संविधान की प्रस्तावना के वाचन के पश्चात मंडल समन्वयक एम एच कादरी द्वारा ध्येय गीत ""जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो "" का सामूहिक गायन कराया गया।


इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस से राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस तक पन्द्रह दिन तक आर टी आई एक्टिविस्ट जन जागरण अभियान चलाएंगे, नागरिकों को सूचना कानून के प्रयोग के तरीके और फायदे बताएंगे। सभी सूचना कार्यकर्ता चिन्हित पन्द्रह विभागों से प्रतिदिन एक सूचना मांगेगे। आज प्रथम दिवस सूचना अधिकार अधिनियम 2005 को व्यवहारिक व लोकोपयोगी बनाए जाने हेतु संशोधन की जरूरत है। सभी सूचना कार्यकर्ता मुख्य सूचना आयुक्त भारत एवम राज्य सूचना आयोग को मांग पत्र प्रेषित कर जन सूचना अधिकारियो व प्रथम अपीलीय अधिकारियो की कार्य प्रणाली के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने एवम आयोग की कार्य प्रणाली में सुधार की मांग करेगे।


श्री राठौड़ ने कहा कि लोकोपयोगी कानूनों को निष्क्रिय कर दिया गया है। परिणाम स्वरूप घूसखोरी, कमीशनखोरी, मिलावटखोरी, डग्गामारी व अवैध खनन की घटनाओं में जिम्मेदारों के संरक्षण में गुणोत्तर वृद्धि हो रही है। सुचना का अधिकार अधिनियम, उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली, जनहित गारंटी कानून, जन शिकायत पोर्टल को की नियमित और समयबद्ध समीक्षा नहीं की जाती है, समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है बल्कि शिकायतों का निस्तारण कर कर्तव्यों की इति श्री कर ली जाती है। जन शिकायत पोर्टल को तृतीय/ चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों व बाह्य तत्वों से मुक्त कराया जाना आवश्यक है।


केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल ने कहा कि नागरिकों को तत्काल सुचनाएं दिए जाने, सूचना प्रदान न करने वाले जन सूचना अधिकारियो के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराए जाने, सूचना कार्यकर्ताओ की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने, अनहोनी पर एक करोड़ रूपए मुआवजा तथा नौकरी दिए जाने, प्रथम अपील राज्य आयोग और द्वितीय अपील केंद्रीय/ राष्ट्रीय सूचना आयोग में किए जाने, मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर उच्चतम/ उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति करने, जुर्माने की राशि आवेदक को दिलवाए जाने, सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा किए जाने की आवश्यकता है। 


मंडल समन्वयक एम एच कादरी ने कहा कि रिश्वतखोरी की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है, जिम्मेदारों द्वारा रिश्वतखोरी रोके जाने हेतु कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। आर टी आई एक्ट, जनहित गारंटी कानून को निष्प्रभावी किए जाने एवम सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्तियां सार्वजनिक न होने के कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। नागरिकों को रिश्वत देने को विवश किया जाता है। रिश्वतखोरी की घटनाओं की समीक्षा के लिए अफसरों की बैठक नही बुलाई जाती है। 


सह जिला समन्वयक राम लखन ने कहा कि सभी सूचना कार्यकर्ता पंद्रह विभाग चिन्हित करके पंद्रह दिन तक प्रतिदिन एक सूचना मांगेगे तथा गांवों में जन जागरण अभियान चलाकर सूचना कानून से ग्राम वासियों को परिचित कराएंगे।


इस अवसर पर मार्गदर्शक धनपाल सिंह , एमएल गुप्ता, संरक्षक प्यारेलाल, सुरेश पाल सिंह , केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, प्रदेश समन्वयक सत्येन्द्र सिंह गहलोत, जिला समन्वयक आर्येंद्रपाल सिंह , सह जिला समन्वयक विपिन कुमार सिंह ऐडवोकेट, सह तहसील समन्वयक कृष्ण गोपाल, सह तहसील समन्वयक नेत्र पाल, दुष्यन्त कुमार सिंह, आदि की सहभागिता रही। 

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